आज के जमाने में ज्यादातर युवा शौक की वजह से सिगरेट पीना शुरू करते हैं परंतु धीरे-धीरे उनकी यह शौक लत में कब बदल जाती है यह बात उन्हें मालूम ही नहीं पड़ती। सिगरेट की लत लग जाने की वजह से ज्यादातर युवा आज अपने जीवन को वक़्त के साथ खत्म करते जा रहे हैं। जहां एक ओर ये युवा सिगरेट पी कर अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर हमारे ही देश में मौजूद कुछ होनहार युवा वातावरण को बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही युवा उद्यमी के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर आज से कुछ दिनों पहले एक कंपनी की शुरुआत की थी। यह कंपनी युवाओं के द्वारा पिए गए सिगरेट के बट का इस्तेमाल तरह तरह की चीजों का निर्माण करने में किया करती है।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि आज हम जिस युवा की बात करने वाले हैं वह युवा कोई और नहीं बल्कि कोड इंटरप्राइजेज एल एल पी कंपनी का मालिक विशाल कनेट है। आज से कुछ साल पहले विशाल के दिमाग में एक ऐसा आईडिया आया था जिसने आज उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल दिया। इसके साथ ही साथ उनका यह idea आज पर्यावरण को सुरक्षित बनाने में भी योगदान दे रहा है। आज विशाल की कंपनी सिगरेट बट को इकट्ठा करने के लिए जगह-जगह सिगरेट की दुकानों पर एक बॉक्स लगा दिया करती है।
जिससे कि वहां से सिगरेट लेकर पीने वाले लोग सिगरेट पीने के बाद बचे हुए बट को उस बॉक्स में डाल दे। विशाल के द्वारा अलग-अलग दुकानों पर लगाए गए उन बॉक्स का नाम वी बॉक्स रखा गया है, वी बॉक्स का मतलब है वैल्यू बीन्स बॉक्स। दुकानों पर लगाये गए उन बॉक्सेज में जब बहुत सारे सिगरेट के बट इकट्ठा हो जाते हैं तो उसके बाद कंपनी उन बट को दुकानदारों के पास से ले कर चली जाती है। इसके एवज में वह दुकानदारों को कुछ पैसे भी दे दिया करती है।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि आज हम जिस युवा की बात करने वाले हैं वह युवा कोई और नहीं बल्कि कोड इंटरप्राइजेज एल एल पी कंपनी का मालिक विशाल कनेट है। आज से कुछ साल पहले विशाल के दिमाग में एक ऐसा आईडिया आया था जिसने आज उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल दिया। इसके साथ ही साथ उनका यह idea आज पर्यावरण को सुरक्षित बनाने में भी योगदान दे रहा है। आज विशाल की कंपनी सिगरेट बट को इकट्ठा करने के लिए जगह-जगह सिगरेट की दुकानों पर एक बॉक्स लगा दिया करती है।
जिससे कि वहां से सिगरेट लेकर पीने वाले लोग सिगरेट पीने के बाद बचे हुए बट को उस बॉक्स में डाल दे। विशाल के द्वारा अलग-अलग दुकानों पर लगाए गए उन बॉक्स का नाम वी बॉक्स रखा गया है, वी बॉक्स का मतलब है वैल्यू बीन्स बॉक्स। दुकानों पर लगाये गए उन बॉक्सेज में जब बहुत सारे सिगरेट के बट इकट्ठा हो जाते हैं तो उसके बाद कंपनी उन बट को दुकानदारों के पास से ले कर चली जाती है। इसके एवज में वह दुकानदारों को कुछ पैसे भी दे दिया करती है।
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