उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर खजनी कस्बे के पास सरया तिवारी नाम का एक गांव है। इसी गांव में अनोखा शिवलिंग मौजूद है। इसे झारखंडी शिव भी कहा जाता है।



प्रतीकात्मक तस्वीर
ऐसी मान्यता है कि ये शिवलिंग कई सौ साल पुराना है और इनकी उत्पत्ति यहां स्वयं हुई। कहते हैं कि भगवान शिव के इस दरबार में जो भी भक्त आकर श्रद्धा से कोई कामना करते हैं, उसे भोलेशंकर पूरा जरूर करते हैं।

इस शिवलिंग से जुड़ी एक कहानी बेहद दिलचस्प है। इस कहानी के अनुसार शिवलिंग की महिमा सुनकर महमूद गजनवी भी यहां आया था और इसे तोड़ने की बहुत कोशिश की लेकिन पूरी ताकत झोंकने के बावजूद इसे वह तोड़ने में कामयाब नहीं हुआ।



शिवलिंग तोड़ने में नाकाम रहने के बाद गजनवी ने इस पर कुरान का एक पवित्र कलमा लिखवा दिया ताकि कोई हिंदू इस शिवलिंग की पूजा नहीं कर सके। हालांकि, इसका उलटा प्रभाव हुआ। गजनवी के कलमा लिखवाने के बाद ये शिवलिंग भक्तों के बीच और लोकप्रिय हो गया। साथ ही हिंदुओं के अलावा ये मुस्लिमों की भी आस्था का केंद्र बन गया।