खाने के बाद ब्रश करना
यदि आपको लगता है कि खाने के तुरंत बाद ब्रश करने से कैविटीज कम होगी तो यह सही है। लेकिन इससे दूसरे नुकसान होंगे। खाना खाने के बाद मुंह में एसिडिक एनवायरनमेंट बन जाता है। ऐसी स्थिति में ब्रश करने से दांतों को नुकसान पहुंचता है।
ब्रश ना बदलना
माउथब्रश को तीन महीने में या बीमार पड़ने के बाद बदल लेना चाहिए। इतना ही नहीं ब्रश की नियमित रूप से सफाई भी जरूरी है। इसके लिए आप ब्रश को 20 मिनट्स तक माउथवॉश में रखकर धोले। ऐसा करने से भी इनकी सफाई हो जाती है।

लीडिंग गम्स को इग्नोर करना
कई लोगों को मसूड़ों में खून आने की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। ऐसी स्थिति में हम उस स्थान पर ब्रश करना ही छोड़ देते हैं। ऐसा करने के बजाए किसी डेंटिस्ट की सलाह लेना चाहिए।
जोर से ब्रश करना
हमें लगता है कि जितना जोर लगाकर ब्रश करेंगे उतने अच्छे से सफाई होगी। मगर असल में ऐसा करने से मसूड़ों का पीछे खिसकना, उनमें जलन होना, दांतों का सेंसिटिव होना और उनकी ऊपरी परत का निकलना जैसी दिक्कतें हो जाती हैं।

फ्लॉसिंग ना करना
दांतों के बीच फंस गए पदार्थों की सफाई करना जरूरी होता है। ऐसा करने से कैविटीज और मसूड़ों से सम्बंधित समस्याएं दूर होती हैं। इससे दांतों में सड़न भी होने लगती है। हालांकि फ्लॉसिंग के लिए सही तरीका अपनाना आवश्यक है।
जोर से ब्रश करना
यदि आप दिन में दो बार ब्रश कर रहे हैं तो यह बहुत ही अच्छी बात है। मगर ज्यादा ब्रश मतलब ज्यादा अच्छे दांत नहीं होता है। बहुत बार ब्रश करने से दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है, इसलिए अति भी ना करें।